अपना देश भारत एक धर्म प्रधान देश रहा है। अपने देश में एक से बढ़कर एक धार्मिक मंदिर हैं। एक ऐसा ही मंदिर मध्यप्रदेश के श्योपुर के छारबाग मोहल्ले का गोविंदेश्वर महादेव मंदिर है जो कि देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां उपस्थित है शिवलिंग अपनी धुरी पर चक्की की तरह 360-degree स्वयं घूम जाती है।
शिवलिंग को घुमा मानते मन्नत
श्रद्धालु लोग यहां आकर इस शिवलिंग को घुमा कर अपने मन्नत मानते हैं। लोगों का मानना है कि इस शिवलिंग को घुमा कर मांगी हुई मन्नत पूरी हो जाती है। यह शिवलिंग 300 दिन पुरानी मानी जाती है और यह देश का दूसरा ऐसा शिवलिंग है जो दक्षिणा मुख है इसके अलावा महाराष्ट्र के नासिक में स्थित शिव मंदिर की शिवलिंग भी दक्षिणा मुखी है।
गोविंदेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पंडित मोहन बिहारी शास्त्री ने बताया कि इस शिवलिंग का मुख नंदी की प्रतिमा की ओर रहता है लेकिन कोई भी भक्त शिवलिंग को घुमा कर उसकी मुख किसी भी और कर सकता है इससे भी बड़ी बात उन्होंने यह बताएं कि साल में एक बार या शिवलिंग अपने आप भी घूमा करता है।
24 खंभों की दूसरी मंजिल पर स्थित यह शिवलिंग काफी आश्चर्यजनक देखने में भी लगती है। इस मंदिर की पहली मंजिल पर भगवान गणेश की प्रतिमा है। मंदिर के पुजारी जी के अनुसार साल में एक बार रात के समय मंदिर की घंटी या खुद अपने आप बजे लगती है और आरती होती रहती है इस दौरान शिवलिंग भी अपने आप घूमने लगती है।
बता दे कि दक्षिण मुखी शिवलिंग की पूजा सबसे पहले पांडवों ने कि थी यह मंदिर 11 साल पुराना बताया जाता है लेकिन इस घूमने वाली मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 300 साल पहले ही हुई थी। श्योपुर के गौर वंशज राजा पुरषोत्तम दास ने 1722 में इस शिवलिंग को महाराष्ट्र के शोलापुर से लाये थे।