यह है निर्भया का पांचवा गुनाहगार जो नाबालिक होने के कारण आसानी से बच निकला

साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप के मामले में आज उनके चार गुनाहगार मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को फांसी दे दी गई।

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इससे निर्भया के दोषियों को सजा तो मिल गई परंतु निर्भया के रेप करने में दो भी थे।एक तो रामसिंह था जो कि बस ड्राइवर था जिसने जेल में ही खुदकुशी कर ली थी परंतु एक दोषी और भी था जो गुनाह करते वक्त नाबालिग था इसलिए उसेना नाबालिक कोर्ट ने 3 साल के लिए बाल सुधार गृह भेजा गया था और वह अभी आजाद है।

बता दे कि वारदात में शामिल 6 लोगों में से यह नाबालिक ही सारे गुनाहों का सूत्र धार था।इसने ही निर्भया और उसके दोस्त को उस बस में आवाज देकर बुलाया था जबकि यह बस कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं थी यह बस एक स्कूल बस थी।

नाबालिक गुनाहगार 17 साल 6 महीने

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सबसे पहले इस नाबालिक गुनाहगार ने ही निर्णय के साथ छेड़खानी शुरू की थी। इसने ही  अपने साथियों को निर्भया के रेप करने के लिए उसका उकसाया था। इसने ही निर्भया के प्राइवेट पार्ट में लोहे का रॉड डाला था।परंतु नाबालिक होने के ये बहुत आसानी से बच निकला।

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यह नाबालिक गुनाहगार उत्तर प्रदेश का रहने वाला है जो अपने घर से भागकर दिल्ली आ गया था और फुथपथों पर ही रह कर अपना गुजर-बसर करता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात बस ड्राइवर राम सिंह से हुई थी और दोनों दोस्त हो गए थे।राम सिंह के बस में है क्लीनर का काम करता था। गुनाह करते समय गुनाहगार का उम्र17 साल 6 महीने थी यानी वयस्क होने में मात्र 6 महीने ही बचे थे।

गुमनामी की जिंदगी बिता रहा अभी

अभी नाबालिग गुनाहगार रिहा होकर अब आप अपना चेहरा और नाम बदलकर गुमनामी की जिंदगी बिता रहा है। अभी भी उसके प्रति लोगों में बहुत गुस्सा है। वह हमेशा एक जगह रुक कर काम नहीं करता। समय-समय पर वह अपना काम जगह और पहचान बदलते रहता है। ताकि उसके जान का खतरा ना हो।

पार्लियामेंट में बना नया बिल

इसी मामले को देखते हुए पार्लियामेंट में नया बिल लाया गया और इस नई नाबालिक बिल में बलात्कार एसिड अटैक हत्या जैसी खतरनाक अपराधों के लिए नाबालिग की उम्र घटाकर 16 कर दी गई।

अब कोई नाबालिक 16 साल से कम रहने पर ही गिना जाएगा। नए कानून के मुताबिक अब 16 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का मामला अब वयस्क कोर्ट मे जाएगा हालांकि इसकी सजा अधिकतम 10 साल की होगी फांसी या उम्रकैद नहीं दिया जाएगा परंतु यह सजा उनको जेल में काटने पड़ेगी ना की बाल सुधार गृह में।