किसान चाची: कभी दो वक्त की रोटी नहीं होती थी नसीब, आज राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से सीएम सब है फैन

जज्बा…चाह…उम्मीद… अगर यह 3 शब्द जिंदगी का हिस्सा हो, तो जिंदगी के बुरे से बुरे मुश्किल दौर को बदल कर कामयाबी की कहानी लिखना मुश्किल नहीं होता। कुछ ऐसी ही कहानी बिहार की किसान चाची (Kisan Chachi Rajkumari Devi) ने लिखी है। बिहार के किसान चाची राजकुमारी देवी (Bihar Kisan Chachi) आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। आज वह लाखों करोड़ों महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल है। उनकी कहानी न सिर्फ महिलाओं को कुछ कर दिखाने के जज्बे के लिए प्रेरित करती है, बल्कि साथ ही यह भी सिखाती है कि कैसे बड़ी से बड़ी कठिनाई को दरकिनार कर अपने कामयाबी की साइकिल को चलाया जा सकता है। कौन है बिहार की किसान चाची राजकुमारी देवी (Success Story Of Kisan Chachi Rajkumari Devi) और क्या है उनकी पूरी कहानी…

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Kisan Chachi Rajkumari Devi

बिहार की किसान चाची कौन है

मुजफ्फरपुर में रहने वाली राजकुमारी देवी (Kisan Chachi Rajkumari Devi Story) को आज दुनिया भर में बिहार की किसान चाची के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अपनी कामयाबी के सफर की कहानी अपने बुलंद हौसलों के दम पर लिखी है। सामाजिक बंधनों को दरकिनार कर उन्होंने अपनी तकदीर को बदलने का जिम्मा खुद उठाया था और कभी दो वक्त के भरपेट खाने के लिए तरसने वाला परिवार आज दुनिया भर में न सिर्फ पहचाना जाता है, बल्कि देश के राष्ट्रपति (President Ramnath Kovind), प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने उन्हें उनके कामों के लिए सम्मानित किया है। मुजफ्फरपुर के सरैया ब्लॉक में अपने सफर की शुरूआत करने वाली किसान चाची के नाम से मशहूर राजकुमारी देवी को केंद्र सरकार की ओर से पद्मश्री की से भी सम्मानित किया जा चुका है।

Kisan Chachi Rajkumari Devi

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साइकिल से शुरु की कामयाबी की कहानी

किसान चाची ने अपने इस सफर को तय करने के लिए कई सामाजिक और पारिवारिक बाधाओं का सामना किया है। एक दौर में उनके अपनों ने ही उन्हें अकेला छोड़ दिया था। ऐसे मुश्किल समय में उन्होंने हार नहीं मानी और समाज की सोच और बंधन के खिलाफ अपने बुलंद इरादों के साथ कुछ कर दिखाने के जज्बे को लिये खेती करने का फैसला किया। समाज व परिवार के लोगों ने इस दौरान इसका विरोध भी किया, लेकिन वह निरंतर आगे बढ़ती रहीं।

Kisan Chachi Rajkumari Devi

तोड़ डाली पुरुष प्रधान समाज की सोच

इस दौरान वह कच्ची पगडंडियों से मीलो साइकिल पर चलकर जाती थी। ऐसे में उस दौर में पुरुषों के कार्य क्षेत्र में कृषि के लिए बतौर महिला एक नई क्रांति का आगाज बिहार की किसान चाची राजकुमारी देवी ने किया। उन्नत तकनीक और मिट्टी की गुणवत्ता की अच्छी परख रखने वाली किसान चाची आज सफलता के मुकाम पर है। इतना ही नहीं आज उन्हें सफल खेती का दूसरा नाम और महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी कहा जाता है।

Kisan Chachi Rajkumari Devi

किसान चाची की सफलता की कहानी में उनके चेहरे पर उनकी उम्र के निशान तो नजर आते हैं, लेकिन हाथों में हिम्मत की लाठी और दिल में कुछ कर दिखाने का जज्बा उन पर इस कदर सवार था, कि उन्होंने जब अपने कामयाबी के सफर पर चलना शुरू किया तो मुड़ कर पीछे नहीं देखा। हजारों सफल किसानों और आत्मनिर्भर महिलाओं के लिए आज उनकी कहानी एक बड़ी मिसाल है।

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सम्मानित पुरस्कारों से किया जा चुका है सम्मानित

बिहार की किसान चाची को उनके सम्मानित कामों और जज्बे के लिए कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। बिहार सरकार ने उन्हें साल 2006 में किसान श्री सम्मान से नवाजा था। इस दौरान उन्हें ₹100000 की धनराशि भी दी गई थी। इसके अलावा वह वाइब्रेंट गुजरात-2013 में आमंत्रित की गई थी। इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी ने उन्हें सम्मानित किया। किसान चाची को साल 2019 में केंद्र सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।