सरकार (Government) ने कुछ ट्रैफिक नियमों में नए बदलाव किए हैं। ऐसे में अगर आप कार चलाते हैं तो यह नए नियम जरूर जान लें, जिनके मुताबिक अब से ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) आपको बेवजह रोककर परेशान नहीं कर सकेगी और ना ही बेवजह आपकी गाड़ी को चेक कर सकेगी। सरकार द्वारा इन नए नियमों (Traffic Rule) को लेकर आदेश भी जारी किए जा चुके हैं। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि क्या है सरकार के यह बदले नए नियम (Traffic Rule Changed)…
बदल गए हैं ट्रैफिक के नियम
कमिश्नर ऑफ पुलिस हेमंत नागराले ने एक सर्कुलर जारी कर ट्रैफिक डिपार्टमेंट को कुछ नए आदेश दिए हैं। इस सर्कुलर के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस वाले गाड़ियों की चेकिंग बेवजह नहीं कर सकेंगे। खासतौर पर जहां चेक नाका हो, वहां सिर्फ ट्रैफिक की मॉनिटरिंग ही कर सकते हैं। इतना ही नहीं वह इसके साथ ही इस पर भी फोकस करेंगे कि ट्रैफिक सामान्य रूप से चले। वह किसी गाड़ी को तभी रोकेंगे जब उससे ट्रैफिक की रफ्तार पर कोई फर्क पड़ रहा हो या किसी नियम का उल्लंघन हो।
गौरतलब है कि कई बार यह देखा गया है कि ट्रैफिक पुलिस सिर्फ संदेह के आधार पर कहीं भी किसी भी गाड़ी को रोककर उनके बूट और गाड़ी के अंदर की जांच करने शुरू कर देती है, जिसके चलते सड़क पर बाकी का ट्रैफिक काफी प्रभावित होता है। ऐसे में दूसरे लोगों को भी इसका हर्जाना भरना पड़ता है।
क्या है पुलिस कमिश्नर के नए सर्कुलर में
गौरतलब है कि पुलिस कमिश्नर द्वारा जारी किए गए इस सर्कुलर में सभी यातायात पुलिस को गाड़ियों की जांच करने से रोकने के लिए कहा गया है, क्योंकि सड़क पर इनके चलते ट्रैफिक बढ़ जाता है। उन्हें ट्रैफिक की आवाजाही पर निगरानी रखने को प्राथमिकता देने के लिए आदेश दिए गए हैं। साथ ही सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि अगर मोटर चालक यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं तो उन्हें यातायात पुलिस मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपित कर सकती है।
सख्ती से होगे नए नियमों का पालन
इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस कर्मियों की ओर से संयुक्त नाकाबंदी के दौरान ट्रैफिक पुलिस केवल यातायात उल्लंघन के खिलाफ ही कार्रवाई करेगी और वाहनों की जांच की अनुमति उन्हें इस दौरान भी नहीं होगी। ऐसे में अगर इन निर्देशों को सख्ती से लागू नहीं किया जाता है, तो संबंधित ट्रैफिक चौकी के वरिष्ठ निरीक्षक कि इस पूरे मामले में जवाबदेही होगी।
ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस मामले पर साफ कहा गया है कि यातायात पुलिस को संदेह के आधार पर वाहनों को बूट की जांच करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारे जवान पहले से यातायात अपराधों के खिलाफ चालान जारी रखेंगे। ऐसे में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को वह रोकने का काम भी वहीं करेंगे।