Horror movies of bollywood: बढ़ते समय के साथ लोगों का फिल्मों को लेकर टेस्ट काफी बदल चुका है। लोग अब अलग कंटेंट की तलाश में रहते हैं। वैसे तो रोमांटिक फिल्मों का चलन हमेशा ही पहले नंबर पर रहा है। लेकिन इसके अलावा भी ऐसे बहुत से लोग है जिन्हें एक्शन, सस्पेंस, थ्रिलर के अलावा हॉरर कंटेंट देखना बेहद पसंद है। ऐसे में फिल्मों के मेकर्स ऐसे कंटेंट में कुछ न कुछ मसाला लगा कर नया तैयार करने की कोशिश करते हैं। ना सिर्फ कहानी बल्कि उस फिल्म में काम करने वाले सभी कैरेक्टर्स के साथ भी मेकर्स हमेशा कुछ न कुछ अलग करना चाहते हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि बॉलीवुड में शुरुवात से ही हॉरर कंटेंट की मांग रही है और बदलते समय के साथ फिल्मों में भूतों और कहानियों के किरदार में काफी बदलाव भी आए हैं। तो चलिए ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे ही फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी कहानी भारतीय पौराणिक कथाओं पर आधारित है और इनमें भूतों का किरदार देख दर्शकों की रातों की नींद उड़ जाती है।
स्त्री :-
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर स्टारर फ़िल्म स्त्री का है जो कि एक ऐसे पौराणिक कथा पर आधारित है जिसपर यकीन कर पाना बेहद मुश्किल है। कहा जाता है कि एक गाँव में ‘नाले बा’ नाम की चुड़ैल रात में घूमती है और किसी भी मर्द को अकेला पाकर उसे उठा ले जाती है। खबरों की माने तो ‘नाले बा’ एक महिला की अलौकिक शक्ति है, जो देर रात सड़कों पर घूमती है और लोगों का दरवाजा खटखटाती है और अगर किसी ने दरवाजा खोला तो वह उसे अपने साथ ले जाती है। यही कारण है कि उस गाँव के लोग अपने घर के बाहर ‘नले बा’ लिख देते थे, जिसका मतलब होता है ‘कल आना’।
परी :-
अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन हाउस में बनी फिल्म ‘परी’ भी बेहद डरावनी है। इस फ़िल्म में उन्होंने खुद एक ‘इफ़रित’ का किरदार निभाया है जिसका नाम रुखसाना होता है। मालूम हो कि ये फ़िल्म भी एक पौराणिक कहानी पर आधारित है। कहा जाता है इफ़रित एक काफी ताकतवर शैतान होता है, जो खंडहरों और मंदिरों के आसपास घूमता दिखाई देता है। वो ना सिर्फ इंसानों के आसपास रहते हैं बल्कि उनसे शादी भी कर लेते हैं और इनकी फितरत भी बेहद घातक और निर्दयी किस्म की होती है।
राज :-
बिपाशा बासु और डिनो मोरिया की फ़िल्म ‘राज’ भी अपने दौर की सबसे डरावनी फिल्मों में से एक है और इसकी गिनती आज भी बेस्ट हॉरर मूवीज की लिस्ट में की जाती है। बतादें कि इस फ़िल्म में एक लड़की की भूतिया कहानी को दिखाया गया है जो मरने के बाद एक प्रेत-आत्मा बन जाती है। मालूम हो कि ‘प्रेत-आत्मा’ का मतलब एक मृत आदमी की आत्मा होती है, जो तब भूत या शैतान का रूप लेती है, जब उसकी कोई इच्छा पूरी नही होती और ये प्रेत आत्मा इसलिए बनती है कि क्योंकि उनकी डेड बॉडी का अंतिम संस्कार न किया गया हो।
बुलबुल :-
क्लीन स्लेट प्रोडक्शन हाउस में बनी इस फ़िल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। 19वीं सदी में बंगाल प्रेज़िडेंसी के बैकग्राउंड पर बनी ये फ़िल्म चुड़ैलों की एक नई कहानी बयां करती है। इस फ़िल्म को भी एक पौराणिक कथा पर बनाया गया है जिसके अनुसार चुड़ैल एक पौराणिक अलौकिक औरत होती है जिसे एक अशुद्ध जीवित वस्तु का भूत भी कहा जाता है। इस फ़िल्म के अनुसार चुड़ैल के पैर हमेशा उल्टे होते हैं और वह आदमियों को आकर्षित कर उन्हें मार डालती है। मालूम हो कि इस फ़िल्म में तृप्ति डिमरी, अविनाश तिवारी और राहुल बोस मुख्य भूमिका में नजर आए थे।
एक थी डायन :-
इमरान हाशमी, कोंकणा सेन शर्मा, कल्कि कोचलिन व हुमा कुरैशी स्टारर फ़िल्म ‘एक थी डायन’ ने लोगों के बीच खूब सुर्खियां बटोरी थी। मूल रूप से इस फ़िल्म की कहानी एक जादूगर पर आधारित है जो एक डायन के द्वारा प्रेतबाधित होता है। इसकी कहानी भी पौराणिक कथाओं से ली गई है, जिसके मुताबिक डायन उसे कहा जाता है जो जादू-टोना और शैतान की पूजा करती है। डायन को एक चुड़ैल के तौर पर भी जाना जाता है, जिसको संस्कृत में ‘दाकिनी’ कहते है। मध्यकालीन हिंदू ग्रंथों जैसे ‘भगवत गीता’ में भी दाकिनी का उल्लेख किया गया है, जो की एक दुष्ट महिला होती है और वह इंसानी मांस खाती है। इसके अलावा उनकी एक लंबी चोटी भी होती है। कहा जाता है कि जो भी उनके संपर्क में आता है उसे ज़िंदगी भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।