पुरुष प्रधान समाज की एक सोच है कि महिलाएं कमजोर होती है। महिलाएं रसोई-चौके से ज्यादा आगे नहीं सोच सकती और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को किचन का बजट ही समझ में आता है। लोगों की ऐसी सोच को तोड़ते हुए मल्लिका श्रीनिवासन ने अपनी सफलता (Mallika Srinivasan Success Story With TAFE) की एक ऐसी कहानी लिखी, जो आज दुनिया भर की महिलाओं के लिए प्रेरणा है। मल्लिका श्रीनिवासन (Mallika Srinivasan) आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। आज दुनिया भर में उन्हें उपकरण निर्माता कंपनी से जुड़े उनके कारोबार के लिए जाना और पहचाना (Success Story Of Mallika Srinivasan) जाता है। उनकी कामयाबी के चलते ही आज उन्हें टैक्टर क्वीन (Tractor Queen Mallika Srinivasan) कहा जाता है।
कौन है मल्लिका श्रीनिवासन
19वीं सदी में जब महिलाओं का घर से बाहर निकलना भी अपने आप में एक जंग के बराबर होता था। उस दौर में मल्लिका श्रीनिवासन ने न सिर्फ अपना कारोबार न सिर्फ शुरू किया, बल्कि आज उसे ऊंचाइयों के उस मुकाम पर पहुंचा दिया है जिसकी चर्चा देशभर में होती है। कृषि क्षेत्र को लेकर आज लोगों की एक ही सोच है कि वहां मेहनत ज्यादा और मुनाफा कम है, लेकिन लोगों की सोच को मल्लिका श्रीनिवासन ने बदल दिया है।
27 साल की उम्र में शुरु किया कारोबार
साल 1986 में मल्लिका श्रीनिवासन 27 साल की थी। उन्होंने न सिर्फ कृषि जगत में काम करने का फैसला किया, बल्कि उन्हें मैसी फर्गुसन ट्रेक्टर और कृषि उपकरण निर्माता कंपनी टैफे में काम करने का मौका भी मिला। ऐसे में उन्होंने बिना समय गवाएं इन मौकों को पकड़ लिया और अपनी कामयाबी के सफर पर चल पड़ी। 19वीं सदी में महिला का कृषि क्षेत्र में होना एक बड़ी बात थी। साथ में ऑटोमोबाइल कंपनी संभालना भी कोई आसान काम नहीं था, लेकिन मल्लिका ने अपने क्षेत्र में ना सिर्फ सामान्य तरीके से काम किया बल्कि इस काम के लिए उन्हें परिवार से भी पूरा सहयोग मिला।
क्या है TAFE
TAFE की फुल फॉर्म Tractor and form equipment है। इस कंपनी की भारत के चेन्नई शहर में टैक्टर की पहली कंपनी स्थापित की गई थी। यह भारतीय ट्रैक्टर कंपनी है। खास बात यह है कि यह कंपनी भारत में ट्रैक्टर बनाने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। बात इंटरनेशनल लेवल पर करें तो बता दे पूरे विश्व में ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनियों में टैफे का नाम तीसरे नंबर पर आता है।
टैफे कंपनी मौजूदा समय में 25% का बाजार अकेले संभालती है। इस कंपनी में हर साल 1,50,000 से ज्यादा ट्रैक्टर की बिक्री होती है। इस कंपनी ने अपने शाखा के पैर लगभग सभी देशों में फैला रखे हैं। रिकॉर्ड के मुताबिक 100 से ज्यादा देशों में टैफे कंपनी स्थापित की जा चुकी है। बता दें इस कंपनी की वर्तमान संस्थापक श्री एस अंतरमकृष्णन है।
देश की बिजनेस टायकून महिलाओं में गिना जाता है नाम
साल 2012 में मालिका ने व्यापार पत्रिका फॉल्ट्स में एशिया की 50 सबसे ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया था। इसके बाद साल 2021 में फार्च्यून की टॉप 100 बिजनेस टायकून महिलाओं में भी उनका नाम शामिल हुआ था। उनकी इस कामयाबी के सफर के साथ ही आज उनका व्यापार दोगुना हो गया है।
मल्लिका श्रीनिवासन ने 27 साल की उम्र में टैफे कंपनी का दामन थामा था। इस साल कंपनी ने ₹850000000 का टर्नओवर किया था। बीते समय के साथ मल्लिका श्रीनिवासन ने अपनी मेहनत और अपने पिता से मिले मार्गदर्शन के साथ कंपनी में अपने व्यापार को बढ़ाया और साल का यह टर्नओवर 85 करोड़ से 160 करोड अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
बकौल मालिका जब उन्होंने इस कंपनी को ज्वाइन किया था, तब टैफे को मात्र दक्षिण कंपनी होने की मान्यता ही मिली थी। अपने ही राज्य में कुछ क्षेत्र में इस कंपनी ने अपनी एक अलग पहचान खड़ी की थी, लेकिन इसके बाद जब मल्लिका श्रीनिवासन से जुड़ी तो उन्होंने अपनी मेहनत और अपने दम पर कंपनी को भारत के अलावा दूसरे देशों में भी पहचान दिलाई।