IAS success story: पहले डॉक्टर फिर IAS परीक्षा मे हुए सेकंड टॉपर, पर सिर्फ 6 दिन के बने DM; जाने वजह

IAS Shriram Venkatraman: यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। ऐसे में इस परीक्षा में बैठने वाले अभ्यार्थी इसकी तैयारी के लिए ना सिर्फ कड़ी मेहनत करते हैं, बल्कि अपने जीवन के कई साल भी लगा देते हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे आईएएस ऑफिसर के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने पहले डॉक्टरी की पढ़ाई की और इसके बाद आईएएस ऑफिसर बनें, लेकिन यह सिर्फ 6 दिन के लिए ही डीएम रह पाए। क्या है इसकी वजह और कौन है आईएएस श्रीराम वेंकिटरमण…? आइए इनके बारे में डिटेल में बताते हैं…

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IAS Shriram Venkatraman

कौन है आईएएस श्रीराम वेंकिटरमण (Who is IAS Shriram Venkatraman)

यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। ऐसे में इस परीक्षा में बैठने वाले अभ्यार्थी इसकी तैयारी के लिए ना सिर्फ कड़ी मेहनत करते हैं, बल्कि अपने जीवन के कई साल भी लगा देते हैं। श्रीराम वेंकिटरमन का जन्म 28 नवंबर 1986 को पनाम्पिल्ली नगर कोच्चि में हुआ था। श्रीराम वेंकिटरमण के पिता पी. आर. वेंकिटरमण एक रिटायर्ड जूलॉजी प्रोफेसर रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने बतौर करियर कंसलटेंट के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई थी। उनकी मां राजन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत थी। ऐसे में परिवार का माहौल पूरी तरीके से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हुआ था।

2012 में यूपीएससी में हासिल की थी सेकंड रैंक

श्रीराम वेंकिटरमण ने साल 2004 में भावास विद्या मंदिर गिरिनगर से अपनी स्कूलिंग पूरी की थी। इसके बाद साल 2010 में उन्होंने गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज तिरुवंतपुरम से अपना एमबीबीएस पूरा किया। इसके बाद श्रीराम चंद्र भांजा मेडिकल कॉलेज में एमडी की पढ़ाई करने चले गए, लेकिन इसी दौरान उनकी दिलचस्पी सिविल सेवा की तरफ बढ़ने लगी। लगातार दो बार यूपीएससी की परीक्षा को अटेंप्ट किया, जिसमें साल 2012 में उन्हें सफलता हासिल हुई। खास बात यह थी इस दौरान वह अपने बैच के सेकंड टॉपर बने थे।आईएएस की परीक्षा पास करने के बाद वह फुलब्राइट छात्रवृत्ति के साथ हावर्ड विश्वविद्यालय में एमपीएच की पढ़ाई करने चले गए।

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6 दिन के लिए बन पाए डीएम

इसके बाद श्री राम वेंकिटरमन केरल सरकार में बतौर जिला कलेक्ट्रेट नियुक्त हुए। उनकी नियुक्ति के साथ ही उन्हें हटाने के लिए सरकार पर दबाव बनने लगा। दरअसल इसके पीछे एक बड़ा कारण था। डीएम पद संभाल रहे श्री राम वेंकिटरमण पर नशे में गाड़ी से पत्रकार को टक्कर मारने के आरोप लगा था। इस एक्सीडेंट में पत्रकार की मौत हो गई थी। 3 अगस्त 2019 को हुई इस घटना में आईएएस श्रीराम वेंकटरमण को मुख्य आरोपी बताया गया।

केरल सरकार ने लिया बड़ा फैसला

ऐसे में जब इस पूरे मामले के बाद केरल सरकार की ओर से उन्हें अलपुझा जिला कलेक्ट्रेट के पद पर नियुक्त किया गया, तो हर जगह उन्हें हटाने की मांग जोर-शोर से उठने लगी। बिगड़ते हालातों को देखते हुए केरल सरकार ने उन्हें डीएम के पद से हटाकर दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया। इस कड़ी में उन्हें 24 जुलाई को डिस्टिक कलेक्टरेट नियुक्त किया गया था और 26 जुलाई को उन्होंने जॉइन किया था, लेकिन उन्हें हटाने की मांग के बाद 1 अगस्त को आईएएस श्रीराम वेंकिटरमण को डीएम पद से हटा दिया गया।