हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की रहने वाली 27 साल की बलजीत कौर (Baljit Kaur Success Story) का नाम इस समय हर जगह आया हुआ है और ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्होंने दुनिया के चौथे सबसे ऊंचे पर्वत लोहत्से को फतह कर लिया है। बता दे यह फतह हासिल करने वाली बलजीत कौर भारत की पहली भारतीय पर्वतारोही (India’s First Mountaineer Baljeet Kaur) बन गई है। इस दौरान उन्होंने 1 महीने के अंदर 8000 मीटर की चोटियों को फतेह कार ये मुकाम हासिल किया है।
भारत की पहली पर्वतारोही बनीं बलजीत कौर
इस दौरान बलजीत कौर ने माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के ठीक एक दिन बाद माउंट ल्होत्से पर भी तिरंगा फहराया है। यह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी 8848.86 मीटर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बलजीत कौर ने 8000 मीटर की दो चोटियों को 2 सप्ताह के भीतर ही पता कर लिया है। यह रिकॉर्ड बनाने वाली वह भारत की पहली माउंटेनियर है।
मालूम हो कि बलजीत कौर ने पहले माउंट अन्नपूर्णा पर 28 अप्रैल को चढ़ाई की थी। इसके बाद 12 मई को कंचनजंगा की चोटी फतह की और इसके बाद 22 मई को उन्होंने माउंट एवरेस्ट और 23 मई को माउंट ल्होत्से पर भारत का तिरंगा फहरा इतिहास रचा है।
बलजीत कौर की कामयाबी की इस कहानी ने लाखों करोड़ों महिलाओं को प्रेरित किया है। वहीं जब यह खबर उनकी मां शांति देवी को मिली, तो वह बेहद भावुक हो गई। बलजीत ने 6 साल की कड़ी मेहनत के बाद यह मुकाम हासिल किया है। दरअसल वह कई बार इस सफर पर चल चुकी है, लेकिन कभी मौसम खराब होने के चलते तो कभी बर्फीले तूफान को लेकर उनका यह सफर हर बार अधूरा रह गया। उनकी मां का कहना है कि- उन्हें हमेशा खुद पर और भगवान पर विश्वास था कि वह एक दिन कामयाब जरूर होगी और उन्होंने इसे सच कर दिखाया।