इटली जिस समय कोरोना वायरस का मुख्य केंद्र बन गया था उस समय वहां फंसे कुछ भारतीय जो अपने देश को लौटना चाहते थे परंतु इटली में कोरोना के भारी प्रकोप के कारण कोई भी क्रू मेंबर उन भारतीयों को लाने के लिए जाने को तैयार नहीं था।
तब एयर इंडिया के होस्टेज नेहा ने तय किया कि अगर हम सभी डर जाएंगे तो करोना जीत जाएगा और उन्होंने इटली जाकर वहां फंसे 230 से भारतीयों को लाने का फैसला किया।
उनके परिवार वालों ने और उनके सहकर्मी ने उन्हें बहुत रोका परंतु वह भारतीय को वहां फंसे रहना नहीं देखना चाहते थे इसलिए उन्होंने वहां जाकर उन फंसे भारतीयों को लाने का फैसला किया।
एयर इंडिया ने भी इन एयर होस्टेज को पहनने के लिए अलग तरह का पोशाक भी दिया ताकि उनके स्टाफ को कोई भी असर ना हो ।
इन दोनों एअर होस्टेज ने इटली जाकर वहां फंसे 263 भारतीयों को लेकर दिल्ली आयी। इस बीच फसे भारतीयों ने भी क्रू मेंबर का काफी सहयोग किया। वह एक दूसरे से दूर से ही बात करते थे और कभी एक दूसरे को टच नहीं करने का कोशिश करते थे।
वहां से आने के बाद यह एअर होस्टेज ने अपने आप को 7 दिनों तक अलग कर लिया ताकि उनकी वजह से कोई और भी कोरोना वायरस चपेट में ना आ जाए। उनके इस हौसले से सारा देश उनका गुणगान कर रहा है वहीं लौट के आए भारतीयों में खुशी की लहर है उन्हें ऐसा लग रहा है कि निर्णय जिंदगी मिली है।