आज के दौर में हर युवा अपने जिंदगी की सिक्योरिटी सर्विस सरकारी नौकरी के साथ ही देखता है। हर युवा की ख्वाहिश होती है कि बस एक सरकारी नौकरी मिल जाए तो जीवन का बजट सही ढंग से चल सकेगा, लेकिन आज हम जिसकी बात कर रहे हैं इन्होंने महज 26 साल की उम्र में 9 सरकारी नौकरियां हासिल की। इतना ही नहीं 5 साल में 7 बार तो उन्होंने अपनी इन सरकारी नौकरियों (Government Job) को छोड़ भी दिया। वहीं साल 2021 में जब आठवीं बार नौकरी छोड़ने जा रही थी, तो उन्होंने एक नया ही सपना देख लिया। क्या है प्रमिला नेहरा (Parmila Nehra) का ये नया सपना…
कौन है प्रमिला नेहरा
आज लाखों महिलाओं के लिए जज्बे और अपने लक्ष्य को साधने की मिसाल बनीं प्रमिला नेहरा राजस्थान के एक बेहद साधारण परिवार (Parmila Nehra Family) से ताल्लुक रखती हैं। प्रमिला नेहरा (Success Story Of Parmila Nehra) मूल रूप से सीकर जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता पेशे से किसान हैं और मां एक ग्रहणी है। प्रमिला नेहरा के भाई महेश नेहरा पुलिस में बतौर सिपाही चुरू में तैनात है।
5 साल में छोड़ी 9 सरकारी नौकरी
प्रमिला अब तक 5 सालों में 9 बार सरकारी नौकरी की परीक्षा दे चुकी है। हैरान करने वाली बात यह है कि इन सभी परीक्षाओं में वह उत्तीर्ण भी रही हैं। प्रमिला ने व्याख्याता भर्ती परीक्षा से लेकर महिला पर्यवेक्षक, पुलिस कांस्टेबल, एलडीसी, पटवारी, ग्राम सेवक जैसी कई परीक्षाएं दी है और वह सभी में पास भी हो गई। हालांकि पास होने के बाद भी उन्होंने उन्हें छोड़ दिया है। मौजूदा समय में प्रमिला नागौर जिले के एक सरकारी स्कूल में बतौर सीनियर टीचर कार्यरत है।
आज बतौर टीचर कर रही है काम
प्रमिला की सफलता की सबसे खास बात यह है कि उन्होंने यह सभी परीक्षाएं अपनी शादी के बाद पास की। प्रमिला की शादी सीकर जिले के एक गांव बोदलासी में राजेंद्र प्रसाद रणवा से हुई है। राजेंद्र मौजूदा समय में दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल तैनात है। वहीं अब प्रमिला ने राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित व्याख्याता भर्ती परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण कर पूरे राज्य में 9 वीं रैंक हासिल की।
ससुराल सहित पति ने सफर में दिया साथ
अपनी सफलता की कहानी को लेकर प्रमिला नेहरा का कहना है कि उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा है। ससुराल में रहते हुए पढ़ाई करना आसान काम नहीं है। हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उनके सफर में उनके पति के साथ-साथ उनके ससुराल वालों में उनका पूरा सहयोग किया है। इन परीक्षाओं के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से लेकर टीवी तक से बिल्कुल दूरी बना ली थी। प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के दौरान वह कीपैड वाला मोबाइल यूज करती थी।
ये है प्रमिला का सक्सेस मंत्र
प्रमिला का कहना है कि सभी प्रतियोगी परीक्षाओं का सिलेबस लगभग एक जैसा ही होता है। ये तैयारी करने वाले पर निर्भर करता है कि वह उसको कितना समझ पाता है। किसी भी टॉपिक को रटने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा- मैं अपनी सब्जेक्ट को एक बार अच्छे से समझती हूं और फिर तीन बार में उसी को रिपीट करके पढ़ती हूं। मैं कभी भी किसी चीज को नहीं रटती, क्योंकि रटा हुआ अक्सर लोग जल्दी भूल जाते हैं। टॉपिक समझ लेना काफी फायदेमंद रहता है। इसे आप कभी नहीं भूलते और आपको परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
प्रमिला को पहली सरकारी नौकरी साल 2015 में थर्ड ग्रेड टीचर के तौर पर मिली थी जिसे उन्होंने ज्वाइन किया, लेकिन इसके बाद जब वह पटवारी ग्राम सेवक एलडीसी व महिला सुपरवाइजर की परीक्षा में पास हो गई तो उन्होंने उसे छोड़ दिया। इसी तरह उन्होंने 5 साल में 9 सरकारी नौकरियां छोड़ी। किसी नौकरी को 2 महीने किया, तो किसी नौकरी को 3 महीने… साल 2020 में राज्य लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित व्याख्याता परीक्षा में प्रथम श्रेणी शिक्षक परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने नौकरी शुरू की है। उसे अब तक कर रही है। हालांकि इसे लेकर भी उनका कहना है कि वह जल्द ही इसे छोड़ने वाली है, क्योंकि उनका अगला सपना आरएएस या यूपीएससी परीक्षा पास करना है।