भारत में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वाले सारे सामानों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी। वर्ष की शुरुआत में ही सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने फैक्ट्री मालिकों और दुकानदारों से लेकर आम जनता को इस बाबत इन्फॉर्म कर दिया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आम लोगों से यह कहा गया था कि उन सभी चीजों पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी जो केंद्र सरकार के सिंगल यूज प्लास्टिक के कैटेगरी में आती है।
प्रतिबंध वाले इन सामानों में कप्स, सजावटी थर्माकोल, ग्लास, कैंडी, आइसक्रीम स्टिक्स, ईयरबड्स, 100 माइक्रोन मोटाई से बने पीवीसी बैनर, स्टिरर, कटलरी और रैपिंग फिल्म शामिल हैं। अब इस कारोबार से जुड़े उद्यमियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है। उद्योग जगत के व्यापारियों ने पीएम मोदी से गुहार लगाते हुए कहा है कि उन्हें कुछ समय दिया जाए। जिस ग्रुप में पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है वह 15 से ज्यादा कंपनियों का नेतृत्व करता है। इसमें कोका-कोला, पारले एग्रो, पराग और केविनकेयर डाबर के अतिरिक्त टेट्रापैक एवं श्रेइबर डायनेमिक्स जैसी कंपनियां शामिल है।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह होगी पाबंदी
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के मेंबर सेक्रेट्री चंद्रशेखर ने 14 मई को कहा था कि भारत सरकार ने सभी तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार के फैसले के आलोक में प्रदेश की सरकार ने भी सभी प्रकार के प्लास्टिक से निर्मित कैरी बैग्स की बिक्री, वितरण, उत्पादन, इंपोर्ट और स्टोरेज पर पाबंदी लगा दी है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य के लिए प्लास्टिक बेहद खराब है और पूरे देश में इसके इस्तेमाल पर बैन लग गया है।
उधर दिल्ली सरकार ने भी सिंगल यूज प्लास्टिक के सारे उत्पाद को 1 जुलाई से प्रतिबंध करने का फैसला लिया है। केजरीवाल सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के सभी उत्पाद को दिल्ली सचिवालय में भी प्रतिबंध कर दिया जाएगा। पहले फेज में उपयोग कर फेंक दी जाने वाली कलम और पानी की बोतलों पर पाबंदी लगेगी। दिल्ली सचिवालय कैंपस में सिंगल यूज प्लास्टिक से निर्मित पोस्टर्स, फूड कटलरी और बैनर्स पर भी प्रतिबंध लगेगा।