अमेरिका में इस बार राष्ट्रपति चुनाव काफी रोमांचपूर्ण रहा। काफी उतार-चढ़ाव के बीच चौथे दिन अमेरिका के राष्ट्रपति के चेहरे को लेकर स्थिति स्पष्ट हुई। आज वोटों के चौथे दिन डेमोक्रेट पार्टी के ओर से रहे राष्ट्रपति उम्मीदवार जो वाइडेन को बहुमत मिला है। जो वाइडेन एक साधारण परिवार से आते हैं। यह उनका तीसरा मौका है जब उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े। इसके पहले उन्होंने दो बार 1997 और 2008 में भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे। इस बार जो वाइडेन ना सिर्फ अपनी पार्टी में अपनी मजबूती साबित की बल्कि उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी हरा दिया।
निजी जिंदगी काफी कष्टमय
परंतु इनका निजी जिंदगी काफी कष्टों से भरा रहा है। यह सबसे पहले 1972 में सांसद बने थे, उसी समय उनकी पत्नी नेलिया और बेटी नओमी का कार एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी। उस समय वाइडेन ने अपने सांसद पद के कार्यकाल के लिए हॉस्पिटल से ही शपथ लिया थी। उनके बेटे ब्यू और हंटर इस एक्सीडेंट में किसी प्रकार बच गए थे, परंतु 2015 में ब्यू की मौत कैंसर से हो गई। ऐसा कहा जाता था कि ब्यू 2016 में डेलावेयर राज्य के गवर्नर पद के लिए चुनाव लड़ेगे।
बेटे ने फिर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए किया प्रोत्साहित
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि उनके बड़े बेटे ब्यू ने ही उन्हें फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था। अपने चुनावी अभियान में भी राष्ट्रपति बाईडेन अपने बेटे का जिक्र करते रहे हैं। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं को और भी मजबूत किया जाएगा। ब्यू के निधन के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने जिस तरह से अपने आप को संभाला यह इनके निजी संघर्ष को भी दिखाता है।
जो बाइडेन सबसे पहले 1972 में चुनाव जीते थे। यह 6 बार सीनेटर रह चुके हैं। उन्होंने सबसे पहली बार 1988 में चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी परंतु ब्रिटेन की लेबर पार्टी के भाषण को दोहराने के आरोप में इन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी।
2008 में बराक ओबामा के आ जाने से इनकी उम्मीदवारी बराक ओबामा के सामने फीकी रही। बराक ओबामा को छवि को देखते हुए इन्होंने बराक ओबामा को राष्ट्रपति पद के लिए आगे किया और खुद उप राष्ट्रपति के तौर पर 8 सालों तक खड़े रहे। हर स्थिति में चाहे वह स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर हो या आर्थिक मंदी को लेकर हमेशा जो ब्राइडेड ओबामा के साथ ही खड़े रहे।
जो वाइडेन एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। इसका फायदा उन्हें इस चुनाव में काफी मिला। वह हमेशा अपने आपको मिडिल क्लास कह कर संबोधित किया करते थे ।जिससे इनकी छवि को काफी सकारात्मक लाभ मिले।