जेल मे रह पेश की मिसाल, ली 31 डिग्रियाँ, छूटते ही मिली सरकारी नौकरी

ऐसा अक्सर आपने सुना होगा कि अगर कोई चीज मन में ठान लो तो वह पूरा किया जा सकता है। एक ऐसा ही उदाहरण जेल मे रहकर भानुभाई पटेल ने पेश किया है। इन्होंने जेल में ही रहकर 8 सालों में 31 डिग्रियां हासिल की है। इसके अलावा जब यह जेल से छूटे तो इन्हें सरकारी नौकरी का ऑफर मिल गया।

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ऐसे तो जेल जाने के बाद सभी लोग मायूस हो जाते हैं या तो कोई सुधर जाता है या कोई और ज्यादा खूंखार हो जाता है, ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि कोई कैदी अपने भविष्य को संवारने में लगा हुआ हो। भानु भाई गुजरात के भावनगर के रहने वाले हैं इनके इस उपलब्धि के लिए इनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है। इसके अलावा इनके इस कीर्तिमान को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और यूनिवर्सल रिकॉर्ड फॉर्म एंड वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में दर्ज हुआ है।

आइए जानते हैं आखिर ये जेल क्यों गए

भानु भाई पटेल की उम्र 59 साल है। यह मूल रूप से भावनगर के महुआ तहसील के रहने वाले हैं। यह अहमदाबाद के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस डिग्री लेने के बाद 1993 में मेडिकल की डिग्री लेने के लिए अमेरिका चले गए। यही पर उनका एक दोस्त स्टूडेंट बीजा पर अमेरिका में जॉब करते हुए अपनी सैलरी भानु भाई के अकाउंट में ट्रांसफर किया, इसी के चलते फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट का आरोप पर लगा और 50 साल की उम्र में इन्हें 10 साल की सजा हुई। यह 10 साल उन्होंने अमदाबाद के जेल में गुजारे और इसी दौरान इन्होंने 31 डिग्रीया ली।

अभी 54 डिग्रियाँ

ऐसे तो ऐसे तो आमतौर पर जो व्यक्ति जेल जाता है उसे सरकारी नौकरी नहीं मिलती परंतु भानु भाई पटेल को जेल से निकलने के तुरंत बाद अंबेडकर यूनिवर्सिटी से जॉब ऑफर हुई, नौकरी के बाद इन्होंने 5 सालों में 23 और डिग्रियाँ ली, अभी भानुभाई पटेल के पास कुल 54 डिग्रियां हैं।

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जेल मे लिखी किताबें

जेल में हुए अनुभव के ऊपर भानुभाई पटेल ने तीन किताबें भी लिखी है, इन किताबों में भानुभाई पटेल ने लॉकडाउन के समय अपने जेल के अनुभव को बताया है, यह किताबें हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी तीनों भाषा में इन्होंने लिखी है, इस किताब का नाम  BEHIND BARS AND BEYOND है.

शिक्षित कैदियों की संख्या ज्यादा

आपको बता दें कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के एक रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के जेल में कैदियों की संख्या में ज्यादा शिक्षित कैदियों की ही संख्या है। ज्यादातर कैदी ग्रैजुएट, इंजीनियर, पोस्टग्रेजुएट हैं, उए सारे कैदी ज्यादातर हत्या और अपहरण के मामले में संतृप्त हैं।