कोराना वायरस को देखते हुए देश में 21 दिनों का लॉक डाउन है। ऐसे में जो लोग बाहर निकल रहे हैं उन्हें पुलिस वाले या तो समझा-बुझाकर घर भेज दे रहे या फिर उसको उनकी पिटाई कर दे रहे हैं।
यह सही भी है परंतु पुलिस वालों को भी देख समझकर यह किसी पर हाथ उठाना चाहिए। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जो पुलिस वाले के अमानवीय करतूत को उजागर कर रहा है।
मामला यह है कि घर से 13 साल का बच्चा दूध लेने के लिए बाहर जा रहा था। उस दौरान एक पुलिस वाले ने उसको बुरी तरह से पीट दिया। पुलिस बच्चे बोलते रह गए कि मैं दूध लाने जा रहा हूं परंतु पुलिस वाले ने एक भी नहीं सुनी और इतना मारा कि उसका पैर ही तोड़ दिया। पैर टूटने के बाद आरोपी पुलिस वाला मौके से भाग खड़ा हुआ।
बच्चों को बुरी तरह से पीटते देख काफी लोग वहां एकत्रित हो गए। नगर निगम का कर्मचारियों ने बच्चों को बचाया। भीड़ इकट्ठा देख पुलिसकर्मी वहां से भाग निकला।
एक शख्स ने बताया कि पुलिस वाला बच्चों को बुरी तरह से पीट रहा था यह पुलिस वाला की काफी बार शिकायत मिल चुकी है यह पहले भी एक रेहरी वाले को ऐसे ही बुरी तरह पीटा था।
लोक डाउन को सफल बनाने के लिए पुलिस वाले का प्रयास सही बात परंतु इन पुलिस वालों को भी देख समझकर ही किसी पर डंडे बरसाने चाहिए।इस तरह के कुछ लोगो से पूरी पुलिस बदलम होती है। वैसे भी किसी बच्चे पर इस तरह से पिटाई करना उचित नहीं है ।