Foreign University: भारत में जल्द खुलेगी विदेशी यूनिवर्सिटीज, एडमिशन के लिए लागू होंगे UGC के ये 8 नियम, देखें

Foreign University In India: भारत के छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दरअसल विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन की ओर से मंजूरी मिलने के बाद खोला जाएगा। बता दें कि इस यूनिवर्सिटी को शुरुआत में सिर्फ 10 साल तक ही भारत में कैंपस पढ़ाई कराने की इजाजत दी जाएगी। इस बात की जानकारी यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार द्वारा गुरुवार को साझा की गई है।

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UGC ने विदेशी यूनिवर्सिटी को लेकर साधा की जानकारी

इस दौरान यूजीसी चीफ द्वारा साझा जानकारी में उन्होंने बताया कि ‘सेटिंग ऑफ ऑपरेशन ऑफ केंपस ऑफ फॉरेन हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन इन इंडिया’ के लिए ड्राफ्ट रेगुलेशन का ऐलान कर दिया गया है, जिसके मद्देनजर भारत में विदेशी यूनिवर्सिटी द्वारा स्थापित करने के लिए नए नियम भी बनाए गए हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में यूजीसी की ओर से यह खबर साझा की गई थी कि इस महीने विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में केंपस स्थापित करने के लिए एक ड्राफ्ट रेगुलेशन पेश करेगी, जिसके मद्देनजर भारतीय यूनिवर्सिटी को विदेश में खोलने वाले नियम की जानकारी भी दी जाएगी। इस संबंध में यूजीसी चीफ द्वारा साझा जानकारी में इन नियमों को लेकर भी बात की गई। यूजीसी ने इस बात पर खासतौर पर जोर दिया कि जिन विदेशी यूनिवर्सिटी को देश में कैंपस खोलने की इजाजत मिलेगी, वह फिजिकल मोड में फुल टाइम प्रोग्राम की पढ़ाई करायेंगे। उन्हें ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग से पढ़ाई कराने की इजाजत नहीं दी जाएगी। विदेशी यूनिवर्सिटी के लिए UGC के इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

UGC के इन नियमों का पालन करेंगी विदेशी यूनिवर्सिटीज

  • भारत में कैंप स्थापित करने वाली सभी विदेशी यूनिवर्सिटीज को शुरू में 10 साल के लिए ही मंजूरी दी जाएगी।
  • इसके अलावा विदेश से फंड लेने या देने में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत ही किया जाएगा।
  • भारत में कैंपस को स्थापित करने वाली यह सभी विदेशी यूनिवर्सिटीज केवल कैंपस में फिजिकल क्लास के लिए फुल टाइम प्रोग्राम ही चला सकती है, उन्हें डिस्टेंस एजुकेशन या फिर ऑनलाइन एजुकेशन की इजाजत नहीं दी जाएगी।
  • विदेशी यूनिवर्सिटी इस बात का खास तौर पर ध्यान रखें कि उनके भारतीय कैंपों में आदान-प्रदान के लिए की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता उनके मेन कैंपस के समान ही गुणवत्ता पूर्ण होगी।
  • इसके साथ ही भारत में कैंप स्थापित करने वाली इन विदेशी यूनिवर्सिटी इसको अपनी खुद का एडमिशन प्रोसेस प्यार करने की छूट मिलेगी या अपने हिसाब से एडमिशन और फीस प्रोसेस को मैनेज कर सकते हैं।
  • भारत में कैंप स्थापित करने के लिए विदेशी यूनिवर्सिटी इसको यूजीसी की वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर कराना अनिवार्य होगा।
  • हर विदेशी यूनिवर्सिटी इसको 2 साल के अंदर भारत में कैंपस स्थापित करना होगा। साथ ही कमिशन की फाइनल मंजूरी के 45 दिनों के भीतर कैंपस को ऑपरेट भी करना होगा।

कितनी हो विदेशी यूनिवर्सिटी की फीस

बता दे कि विदेशी यूनिवर्सिटी इसको लेकर यूजीसी के अध्यक्ष का कहना है कि यूरोप के कुछ देशों में यूनिवर्सिटीज ने भारत में कैंपस स्थापित करने को लेकर रुचि दिखाई है। ऐसे में विदेशी यूनिवर्सिटीज भारत सरकार के वित्त पोषित संस्थान नहीं है। ऐसे में उनके एडमिशन प्रोसेस से लेकर फीस स्ट्रक्चर के निर्धारण में यूजीसी किसी तरह का कोई रोल नहीं निभाएगा। उनका कहना है कि विदेशी यूनिवर्सिटी भारत ने शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठजोड़ करके कैंपस को स्थापित कर सकती है।

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विदेशी यूनिवर्सिटीज में रिजर्वेशन मिलेगा?

इसके साथ ही विदेशी यूनिवर्सिटीज के भारत आने के बाद से ही स्टूडेंट के बीच विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस में लागू होने वाली आरक्षण नीति को लेकर भी सवाल शुरू हो गए हैं, जिस पर यूजीसी के अध्यक्ष का कहना है कि दाखिले संबंधी नीति निर्धारण करने का निर्णय यूनिवर्सिटी खुद करेगी। इसमें यूजीसी किसी तरह की कोई भूमिका नहीं निभाएगा। मूल्यांकन प्रक्रिया और छात्रों की जरूरत का आकलन करने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था हो सकती है, जैसा कि विदेशी यूनिवर्सिटीज में होता है लेकिन क्या लेवल होगा…. क्या फीस होगी… और क्या एडमिशन प्रोसेस होगा…? यह सब कुछ यूनिवर्सिटी खुद तय करेंगी।