मध्य प्रदेश जो इन दिनों सियासी संकट से जूझ रहा था इस पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए मध्य प्रदेश की सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार शाम 5:00 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है. इससे कमलनाथ सरकार को भारी झटका लगा हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी कराई जाए और इस का लाइव प्रसारण भी किया जाये।
बागी विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें विधानसभा में आने के लिए कोई भी दबाव नहीं दिया जाए। कर्नाटक और मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को विधायक की सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से यह भी कहा है कि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान उनके सारे आदेश का पालन हो। कोई भी आदेश का उल्लंघन ना हो।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर मध्य प्रदेश बीजेपी सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह न्याय की जीत है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा।
बता दे कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट करवाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका सुनते हुए आज अपना फैसला सुनाया।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि हम बहुमत में हैं तो फ्लोर टेस्ट करके क्यों दिखाएं।अगर बीजेपी को लगता है कि हमारे पास बहुमत नहीं है तो वह अविश्वास प्रस्ताव लाए उसके बाद ही मैं अपना बहुमत साबित करूंगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा मैं उसको जरूर पालन करूगा।