Captain Shiva Chauhan: बदलते दौर के साथ महिलाओं के दमखम का दायरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि 21वीं सदी की महिलाएं किसी भी मायने में पुरुषों से कम नहीं है। महिलाओं का हर दिन बढ़ता दायरा यह साबित कर रहा है कि वह पुरुषों से बेहतर कर रही है। बीते कुछ सालों में महिलाओं ने लगभग हर फील्ड में अपनी जगह अपनी मेहनत के दम पर बनाई है। सिविल सेवाओं से लेकर सेना तक महिलाओं के बढ़ते दायरे ने 21वीं सदी की महिला का अस्तित्व बदल दिया है। वही अब महिलाओं के खाते में एक और नई उपलब्धि शिवा चौहान के नाम के साथ जुड़ गई है, जिन्हें साल 2023 में सियाचिन ग्लेशियर में नियुक्त किया गया है। बता दे वह भारत की पहली ऐसी महिला अधिकारी है, जिन्हें सियाचिन ग्लेशियर पर बतौर ऑफिसर तैनात किया गया है।
सियाचिन में हुई शिवा की नियुक्ति
बता दे सियाचिन ग्लेशियर दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र के तौर पर जाना जाता है। यहां पर 1980 के दशक से पहले किसी सैनिक की तैनाती के बारे में कभी सोचा भी नहीं जाता था। हालांकि साल 2023 में इस ग्लेशियर पर एक महिला अधिकारी की तैनाती बतौर ऑफिसर की गई है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
बता दें 2 जनवरी को कैप्टन शिवा को सियाचिन ग्लेशियर में तैनात किया गया है। सियाचिन ग्लेशियर दुनिया के सबसे खतरनाक युद्ध के मैदान में से एक है। ऐसे में कैप्टन शिवा ने न सिर्फ इस खतरनाक युद्ध के मैदान में अपनी चढ़ाई पूरी कर ली है, बल्कि इसके साथ ही पोस्ट पर काम संभालना भी शुरू कर दिया है।
भारतीय सेना में शामिल हुई कैप्टन शिवा चौहान
कैप्टन शिवा भारतीय सेना की इंजीनियर कैप्टन रेजिमेंट के बंगाल सैपर्स ग्रुप की अधिकारी है। हाल ही में उन्हें सियाचिन ग्लेशियर में सैनिक जरूरतों के हिसाब से निर्माण और सरसंभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बात कैप्टन शिवा चौहान की जिम्मेदारियों की करें तो बता दे कि यहां दुश्मन के हमले से बचने के साथ-साथ उन पर हमला करने के लिए जरूरी मोर्चा और बंकरों को बनाने का काम भी वही संभालेंगी। इसके साथ ही बर्फीले तूफानो और भयंकर सर्दी में सैनिकों के रहने के लिए जरूरी इंतजाम और तैयारियां करने का कार्यभार भी कैप्टन शिवा को ही संभालना होगा।
कौन है कैप्टन शिवा चौहान
कैप्टन शिवा चौहान राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली हैं और उन्होंने यही से अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल की है। शिवा चौहार ने यही से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग अकैडमी में दाखिला लिया था और मई 2021 में सेना की इंजीनियरिंग रेजिमेंट में कमीशंड ऑफिसर के तौर पर तैनात हुई थी। बीते साल कारगिल विजय दिवस पर उन्होंने सियाचिन वार मेमोरियल से लेकर कारगिल तक 508 किलोमीटर की साइकिलिंग की जर्नी तय की थी। इसके बाद कैप्टन शिवा का चयन दुनिया की सबसे मुश्किल मानी जाने वाली सियाचिन सैनिक टीम में हुआ और यहीं से उन्होंने सियाचिन बैटल स्कूल की कठिन ट्रेनिंग ली।