Nagpur-Mumbai Expressway Route: देश को जल्द ही मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के साथ एक और नई विकास की उड़ान मिल जाएगी। इस एक्सप्रेस-वे का एक बड़ा हिस्सा बनकर तैयार हो गया है ,जिसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 11 दिसंबर को करेंगे। इस एक्सप्रेस-वे (New Expressway In India) के निर्माण के साथ ही नागपुर से शिरडी तक का 550 किलोमीटर लंबा सफर आसान हो जाएगा। बता दे प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) इस हाईवे के उद्घाटन के साथ ही एक और नई वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) को भी हरी झंडी दिखाएंगे और नागपुर में मेट्रो ट्रेन के पहले से एम्स और ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Green Fild International Airport) का भी शुभारंभ करेंगे। मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने के साथ ही नागपुर और मुंबई के बीच की दूरी कम हो जाएगी और इसके साथ ही व्यापार के द्वार भी खुल जाएंगे।
बालासाहेब ठाकरे के नाम पर रखा गया एक्सप्रेसवे का नाम
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्र सरकार की इस परियोजना को गेम चेंजर बताया है।। खास बात यह है कि इस परियोजना का नाम महाराष्ट्र में जन्मे हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के नाम पर रखा गया है इस एक्सप्रेस-वे का नाम साहेबठाकरे समृद्धि एक्सप्रेसवे है। इस एक्सप्रेस-वे को महाराष्ट्र की समृद्धि के साथ-साथ दो राज्यों के बीच व्यापार के क्षेत्र में बढ़ोतरी और रोजगार के नए द्वार के नजरिए से भी देखा जा रहा है।
8 घंटे में करें मुंबई से नागपुर का सफर
701 किलोमीटर लंबे और 6 लेन के इस मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के बाद न सिर्फ लोगों के लिए सफर का समय आधा हो गया है, बल्कि इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अगर इस रूट पर जरूरत पड़ी तो 6 लेन हाईवे को 8 लेन का कर दिया जाएगा। बता दे पहले नागपुर से मुंबई का सफर करने में 16 घंटे का समय लगता था, लेकिन अब इस एक्सप्रेस-वे के साथ यह महज 8 घंटे में ही यह सफर पूरा किया जा सकता है।
हाईवे पर चुकाना होगा टोल टैक्स
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे पर अपनी गाड़ी को दौड़ाने से पहले यह जान ले कि यहां आपको टोल टैक्स जरूर चुकाना होगा। इसके लिए 26 टोल टैक्स काउंटर भी बनाए गए हैं। एक्सप्रेस की अनुमानित लागत 55000 करोड रुपए बताई जा रही है।
इन 11 जिलों से होकर गुजरेगा यह मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे
बात इस एक्सप्रेस वे के रूट की करे तो बता दे कि यह हाईवे खास इंजीनियरों द्वारा बनाया गया है। इस एक्सप्रेस-वे को महाराष्ट्र के 11 जिलों और 392 गांव से गुजारा गया है। यह हाईवे विदर्भ, मराठवाड़ा और पूरे महाराष्ट्र को कनेक्टिविटी और समृद्धि की सौगात के साथ-साथ रोजगार के नए आयाम भी देगा। इस एक्सप्रेस-वे पर एक नया आर्थिक गलियारा भी बनाया जा रहा है, जिसके जरिए 14 जिलों को एकत्रित कर बंदरगाह से जोड़े जाने की प्लानिंग के मद्देनजर काम होगा।
हाईवे पर मिलेगी मेडिकल सुविधा
यह हाईवे इतना लंबा है कि इस पर हर तरह की सुविधाओं का भी खास तौर पर ख्याल रखा गया है। साथ ही एक्सप्रेस वे पर हादसे की हालत में टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं। इस दौरान एंबुलेंस के लिए 108 नंबर डायल कर तुरंत मेडिकल सुविधा ली जा सकती है। बता दें कि मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे पर 15 एंबुलेंस, 15 रैपिड रिस्पांस गाड़ियों के साथ-साथ 13 ग्शती की गाड़ियां जरूरतमंदों के लिए इमरजेंसी हेल्प के तहत मौजूद रहेंगी।
किसानों को होगा सीधे फायदा
इस हाइवे से किसानों को भी सीधे तौर पर फायदा होगा और उनके लिए रोजगार के द्वार खुल जाएंगे। हाईवे पर 20 कृषि समृद्धि केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे, जिसके जरिए किसान का माल आसानी से मार्च तक पहुंचाया जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे पर हरियाली और खूबसूरती का भी खास तौर पर ख्याल रखा गया है कि इस हाईवे पर 1268 पेड़ लगाने की भी योजना पर काम चल रहा है।
बता दे इस हाईवे प्रोजेक्ट को 50,000 करोड़ रुपए की लागत का बताया जा रहा है। ऐसे में इस हाईवे का कुछ हिस्सा पूरा हो गया है, लेकिन कुछ हिस्से पर अभी भी काम चल रहा है, जिसके पूरा होने में अभी 6 महीने का समय लग सकता है।