Government Job Offer 2022: भारत सरकार (Indian Government) के कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) ने 3 नवंबर 2022 को कोयले की बिक्री के लिए कोयला खदानों में नीलामी (E-Auction Of Commercial Coal Mines) के छठे चरण की शुरुआत कर दी है, जिसके साथ ही लिग्नाइट खदानों सहित कोयला खदानों सीएमएसपी और एमएमडीआर की ओर से पूरी तरह से खोजी गई और आंशिक रूप से खोजी गई कोकिंग, गैर कोकिंग आदि का मिश्रण है। इस कड़ी में कोयला मंत्रालय (Ministry Of Coal) द्वारा साझा जानकारी में यह भी बताया गया कि एक बार खनन की शुरुआत होने के बाद राज्यों को इस नीलामी से 20 हजार करोड रुपए का राजस्व भी मिलेगा। साथ ही दो लाख से ज्यादा नौकरियों के द्वार भी खुल जाएंगे।
141 ब्लॉक की होगी नीलामी
इस मामले की पूरी जानकारी कोयला मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी नागाराजू द्वारा साझा की गई। उन्होंने बताया कि इस नीलामी के बाद 22 हजार करोड रुपए का निवेश हासिल होगा। मालूम हो कि कोयला मंत्रालय ने 141 ब्लॉक की नीलामी की शुरुआत कर दी है। इस नीलामी के साथ ही सरकार ने बोली दाताओं को एक सुविधा भी दी है, जिसके तहत वह किसी भी कठिनाई के समय खनन के कुछ हिस्से को वापस सरेंडर भी कर सकते हैं। बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 11% कोयला ब्लॉक्स के जरिए नीलाम किया था।
वहीं इस बार सरकार द्वारा की जा रही इस नीलामी को लेकर कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि कोयला गैसीकरण प्रोजेक्ट को लेकर जल्द ही 6000 करोड़ की नीलामी भी की जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि वित्तमंत्री को फंड रिलीज करने के लिए धन्यवाद भी दे दिया गया है।
पूरी हुई 67 ब्लॉक की नीलामी
बता दे सरकार इस साल में कुल 67 ब्लॉक की नीलामी अब तक कर चुकी है, जबकि कई खदानों में उत्पादन भी शुरू हो गया है। कोयला मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी में बताया गया कि देश में साल 2014 में कोयला का उत्पादन 572 मेट्रिक टन था, जबकि इस साल का घरेलू उत्पादन लक्ष्य 900 मेट्रिक टन का रखा गया है। ऐसे में पूरे देश में करीबन 12 राज्यों में 140 खादाने मौजूद हैं, जिनमें से 72 खदानों को खोजा जा चुका है और अभी भी 69 खदानों को खोजा जाना बाकी है। यह वह खादाने है, जिन्हें पूरी तरह से खनन में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक छठे चरण में जिन कोयला खदानों की नीलामी शुरू की गई है। इस लिस्ट में राजस्थान, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल की खदानों का नाम शामिल है। साल 2010 से 14 तक कोयले का आयात 23% सीजीआर से घटकर 2% रह गया है। इसके साथ ही बिजली क्षेत्र द्वारा कोयले का आयात भी 2021-22 में घटकर 41% के आंकड़े पर आ गया है।