Indian Railway : भारतीय रेलवे का इतिहास दशकों पुराना है, ऐसे में भारतीय रेलवे का इतिहास बेहद रोमांचक भी है। भारतीय रेलवे को दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्किंग ट्रांसपोर्ट कहा जाता है। हर दिन लाखों की तादाद में लोग ट्रेन से सफर करते हैं। मालूम हो कि यात्रियों को लेकर सफर करने वाली ट्रेन के डिब्बों की संख्या 24 होती है, जबकि मालगाड़ी वाली ट्रेन के डिब्बों की संख्या 40 से 58 तक होती है। मालगाड़ी हमेशा पटरी पर यात्री ट्रेन से ज्यादा रफ्तार से दौड़ती नजर आती है।
क्यो होता है मालगाड़ी डब्बों में लगे इस पहिये का मतलब
मालगाड़ी के डिब्बों की अधिक संख्या के कारण उसमें एक साथ कई अलग-अलग चीजों को भरकर ले जाया जाता है। कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि मालगाड़ी के डिब्बे में एक अलग तरह का स्टियरिंग जैसा गोला वाला पहिया लगा होता है। अगर आपने देखा है तो यह पक्का है कि उसे देखने के बाद उसके लगे होने का कारण आपके दिमाग में जरूर उठा होगा। ऐसे में आपने जरूर सोचा होगा कि आखिर यह स्टीयरिंग जैसा दिखने वाला पहिया ट्रेन के डब्बे में क्यों लगाया गया है। अगर आप इसका जवाब नहीं जानते हैं, तो आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं और साथ ही बताते हैं कि इस स्टीयरिंग का क्या काम है।
मालगाड़ी डिब्बे के साइड में लगे स्टीयरिंग का काम
अगर आपने कभी मालगाड़ी वाली ट्रेन के डिब्बों को गौर से देखा हो तो आपने देखा होगा कि डिब्बों के साइड में हवा में एक छोटा सा स्टेरिंग जैसा पहिया लगा होता है। खास बात यह है कि यह पहिया ना तो कभी जमीन को छूता है और ना ही किसी भी स्थिति में पटरी पर किसी दूसरे पहिए की जगह लगाया जाता है। बहुत से लोग तो इसे स्टेफनी समझने की गलती भी कर बैठते हैं। हालांकि बता दें कि यह एक स्टेफनी बिल्कुल नहीं है। अब ऐसे में आप यह सोच रहे होंगे कि अगर ये स्टेफनी भी नहीं है, तो इसका क्या काम है। माल गाड़ी के हर डिब्बे पर इसे क्यों लगाया जाता है?
दरअसल जब माल गाड़ियों की शुरुआत की गई थी, तो माल गाड़ियों की बोगियों में कोई भी ऐसा चक्का नहीं लगाया गया था जिसके कारण रेलवे को इसके परिचालन में काफी टेक्निकल प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा था। ऐसी स्थिति में गाड़ी या कोई भी ट्रेन उसे समतल स्थान पर ही पार्क किया जाता है। इस दौरान इसकी चढ़ाई या ढलान जैसी स्थिति पर मालगाड़ी को रोकना काफी खतरे से भरा होता था। इस स्थिति में सामान से भरी हुई मालगाड़ी को रोकना भी काफी मुश्किल होता है। मालूम हो कि इसी तरह की परेशानी से निपटने के लिए इस पहिये को ट्रेन के साथ जोड़ा गया।
कैसे काम करना है मालगाडी में लगा ये पहिया
मालगाड़ी को रोकने में आ रही परेशानी का समाधान करने के लिए ही इंजीनियर्स ने मालगाड़ी की हर बोगी में इस चक्के को लगाया। ऐसे में अब आप समझ गए होंगे कि यह किसी भी मालगाड़ी का स्टयरिंग पहिया नहीं बल्कि एक लीवर होता है, जो हार्टब्रेक की तरह काम करता है। ऐसे में अगर कभी भी मालगाड़ी को किसी चढ़ाई या ढलान पर रोकना हो तो इस चक्के को घड़ी की दिशा में घुमाया जाता है। इससे ट्रेन की बोगी के सारे पहिये अपने आप जाम हो जाते हैं और मालगाड़ी आसानी से अपनी जगह पर रुक जाती है।