शास्त्रों में कहा गया है कि होलिका दहन के 8 दिन पहले कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। होली के पहले इन 8 दिनों को होलीकाष्ट कहा जाता है ।इस साल होलिका दहन 17 मार्च को है तो इस कारण होलिकाष्ट 9 मार्च को शुरू हो जाएगा अतः आप 9 मार्च से होलिका दहन का कोई भी शुभ काम ना करें।
आखिर क्यू नहीं करना चाइए इस समय कोई शुभ काम
ऐसी मान्यता है कि होलिकाष्ट के दौरान ही भगवान शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था।इस कारण 8 दिन तक कोई न कोई ग्रह उग्र स्थिति में होता है इसलिए आप इन 8 दिनों को कोई भी शुभ करने को मना किया गया है।
क्या क्या नही करना चाइए
इन 8 दिनों के दौरान यह सारे कार्य नहीं करना चाहिए।नाम संस्करण, जनऊ संस्करण, गृह प्रवेश , विवाह,किसी प्रकार का हवन पूजा जैसे शुभ की मनाही है। इस दौरान को नवविवाहिता को मायके आने में मनाही होती है।
और भी प्रचलित पौराणिक कथाएं
इसके पीछे और भी पौराणिक कथाएं प्रचलित है।कहा जाता है कि विष्णु भक्त पहलाद को होलिका दहन की 8 दिन पहले से ही यानी अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक हिरण कश्यप ने बंदी बना कर इस दौरान भक्त प्रह्लाद को काफी सारी यात्राएं दी गई थी।लेकिन भक्त प्रहलाद विष्णु भक्ति में लीन था इसलिए उसे कुछ नहीं हो पाया।
होलीका जो हिरण कश्यप की बहन थी उसे अपने भाई को परेशान देख उसने ही भक्त पहलाद को मारने की योजना बनाई और उसे अपने गोद में लेकर अग्नि में प्रवेश कर गई।उसके पास एक चादर था जिसे ओढ़ लेने पर आग से कुछ नहीं होता था।परंतु भक्त प्रहलाद पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद होने के कारण वह चादर होलिका से हट प्रहलाद पर चला गया और उसका कुछ भी बाल बांका नहीं हो पाया।इतना होने के बावजूद भी बहुत पर भक्त प्रहलाद की तपस्या नहीं भांग हो पाई इससे भगवान विष्णु खुश होकर नरसिंह का अवतार लेकर प्रकट हो जाते हैं और हिरण कश्यप का वध कर देते हैं।इसी कारण होलिका दहन के 8 दिन पहले को होलीकाष्ट के रूप में जाना गया है और इस दौरान सारे शुभ कर्मों की कार्यों की मनाही की गई है।