भारतीय मौसम विभाग बंगाल की खाड़ी और अंडमान के पास बना पश्चिम-उत्तर-पश्चिम का कम दबाव वाले क्षेत्र को लेकर अलर्ट जारी करते हुए संकेत दिया है कि चक्रवाती प्रणाली के पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तट की ओर बढ़ने की संभावना हो सकती है. बताया जा रहा है कि चक्रवात 10 मई के आसपास लैंडफॉल कर सकता है. वहीं स्काईमेट वेदर सर्विसेज ने चेतावनी जारी करते हुए ये भी बताया कि चक्रवाती तूफान मजबूत होकर अराकान तट की ओर भी बढ़ बढ़ सकता है. यह तूफान काफी खतरनाक होते है जो कि जीवन और संपत्ति दोनों के लिए खतरा पैदा करते हैं।
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया है कि “एहतियात के तौर पर ओडिशा के मलकानगिरी से मयूरभंज तक के 18 जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट रहने को कहा गया है. बंगाल की खाड़ी में संभावित चक्रवात के कारण, 17 NDRF, 20 ODRAF और अग्निशमन सेवा विभाग की 175 टीमें जरूरत पड़ने पर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
बताते चलें कि ओडिशा में चक्रवात असानी से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर लगातार बैठकों का दौर शुरू हो गया है. चक्रवात से निपटने के लिए, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने आदि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को सतर्क रहने के लिए विशेष राहत आयुक्त ने प्रदेश के 18 जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर सतर्क रहने की सलाह दी है. प्रभावित जिलों में आपातकालीन दफ्तर तथा कंट्रोलरूम को 24 घंटे खुले रखने का निर्देश दिया गया है. तटीय जिलों में कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित करने को कहा गया है.
उन्होंने ये भी कहा कि ” जैसा कि IMD द्वारा सूचित किया गया है कि दक्षिण अंडमान सागर और उसके आस-पास के क्षेत्रों के आसपास एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित हुआ है. इसके लो प्रेशर एरिया में तब्दील होने की संभावना है. इसके विकसित होने के बाद इसकी तीव्रता का अनुमान लगाना आसान हो सकता है.