यूँ तो भारत में आये दिन पेट्रोल डीजल के दाम घटते बढ़ते रहतें हैं। पर अब भारत मे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अगले हफ्ते से ही बढ़ोतरी शुरू होगी। दरअसल, यूक्रैन-रूस युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें पिछले सात सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। इसका असर भारत मे आने वाले हफ्तों में भारत के पेट्रोल डीजल के दामों में भी देखने को मिलेगा। ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन की माने तो अगले हफ्ते पांच राज्यों में चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। आपको बता दें कि यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से क्रूड ऑयल का रेट 110 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को भी पार कर गया है।
अगले हफ्ते से डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी
जेपी मॉर्गन के रिपोर्ट के मुताबिक अगले हफ्ते से खुदरा डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। पांच राज्यों के चुनाव पूरे होने के साथ साथ पेट्रोल और डीजल में रोजाना ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी दुबारा से शुरू हो जाएगी। बता दें कि देश मे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नवंबर के महीने से कोई भी बदलाव नही किये गए है। जेपी मार्गन के मुताबिक, स्पॉट ब्रेंट (105 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल की कीमतों पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) को 5.70 रुपये प्रति लीटर v/s सामान्यीकृत मार्जिन रु.2.5/लीटर का नुकसान हो रहा है। निवेशकों को सावधान कर के कच्चे तेल, डीजल और विदेशी मुद्रा में उतार चढ़ाव को देखते हुए यह दिन प्रतिदिन बदल सकता है।
रूस से तेल और गैस की आपूर्ति हो सकती है बाधित
बता दें कि बुधवार को दोपहर तक ब्रेंट क्रूड की कीमतें 111.56 डॉलर प्रति बैरल थी, जो पिछले बंद से 6.59% अधिक थी। ब्रेंट इस वक्त 2014 के बाद के उच्चतम स्तर पर है। मंगलवार को इसकी कीमत 102.16 डॉलर प्रति बैरल थी और यह लगातार बढ़ती ही जा रही है। आपको बता दें कि ईंधन खुदरा विक्रेता इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) पेट्रोल पर ₹5.7 प्रति लीटर का नुकसान कर रहे हैं। मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 2014 के मध्य के बाद पहली बार 110 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर उठीं है। इस डर से कि यूक्रेन में संघर्ष या जवाबी पश्चिमी प्रतिबंधों से ऊर्जा की दिग्गज कंपनी रूस से तेल और गैस की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
10 प्रतिशत की वृद्धि करने की आवश्यकता
ऑयल मिनिस्ट्री के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के मुताबिक 1 मार्च को भारत में कच्चे तेल की खरीदारी 102 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हो गई, जो अगस्त 2014 के बाद सबसे ज्यादा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 फरवरी को है और मतों की गिनती 10 मार्च को होनी है। ब्रोकरेज कि माने तो तेल विपणन कंपनियों को सामान्य विपणन मार्जिन पर वापस जाने के लिए खुदरा कीमतों में 9 रुपये प्रति लीटर या 10 प्रतिशत की वृद्धि करने की आवश्यकता है। अभी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर है और डीजल की कीमत 86.67 रुपये है। यह कीमत राज्य सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती और वैट दर में कमी के बाद है।