रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। इस जंग ने महंगाई की रफ्तार को रॉकेट से भी ज्यादा तेज कर दिया है। आज इस जंग का 14वां दिन है और शेयर बाजार से लेकर सर्राफा बाजार तक हर निवेशक सहमे हुए है। कच्चे तेल के दाम भी डॉलर के मुकाबले औंधे मुंह गिर कर तेजी से निचले स्तर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल के दाम में भी आग लगना तय है। तो चलिए ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि कब और कितने दाम बढ़ेंगे।
किसी भी हाल में बढ़ेगी कीमत :-
इंडियन ऑयल के फॉर्मर इग्ज़क्यूटिव प्रोफेसर सुधीर बिष्ट ने एक खास बातचीत में बताया है कि रूस पृरी दुनिया का 12% कच्चा तेल एक्सपोर्ट करता है और भारत दुनिया भर में पेट्रोल आयात करने वाले देशों में तीसरे स्थान पर है। इसीलिए भारत में तेल की कीमत में बढ़ोतरी होना तय है। ऐसे में अब आप इस बात के लिए तैयार रहें कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में कभी भी बढ़ोतरी हो सकती है।
केंद्र सरकार की ओर से मिल सकती है राहत :-
एक तरफ जहां बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार एक्ससाइज में तीन से चार रुपये पेट्रोल और डीजल के दाम कम कर सकती है तो वही राज्य सरकार इसमें कोई भी कमी करें,इसके आसार बेहद कम है। आपको बता दें कि अगर पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ते है तो यूरोप में बुरा हाल हो जायेगा ऐसा इसलिए क्योंकि यूरोप रूस के तेल और खासकर गैस पर निर्भर है। ऐसे में इस हिसाब से भारत में पेट्रोल की कीमत 10 से 16 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकती है तो वही डीजल के दाम में 8 से 7 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है।
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों ने छुवा आसमान :-
आपको जानकार हैरानी होगी कि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुकी है जो कि पिछले 14 साल में अबतक का सबसे हाई रेट है। दुनियाभर में सप्लाई कम ना हो और आगे और शॉर्टेज घटने के अंदेशा के चलते क्रूड में ऐसा जोरदार उछाल देखने को मिला है। इतना ही नही अगले 1 महीने में कच्चे तेल की कीमत में और भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। वैसे आपको बतादें कि पिछले 120 दिनों से देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में किसी भी तरह की कोई बढ़ोतरी नही की गई है। हालांकि इस दौरान कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़त हुई है और यह दो महीने के उच्चतम लेवल पर पहुंच गया है।